कोई यमुना में डुबकी लगाने की नौटंकी करता है, तो कोई यमुना से दूर भागता है: सुनीता पाठक
Samaaj Sattaa Delhi : कभी भाजपा तो कभी ‘आप’ के नेता यमुना के प्रदूषण (Yamuna Pollution) को लेकर तरह-तरह की नौटंकी कर रहे हैं। कोई यमुना में डुबकी लगाने का ड्रामा करता है, तो कोई मइया यमुना से ही दूर भागता है। दिल्ली की जनता सब देख रही है और आने वाले चुनाव में ऐसे नेताओं को सबक सिखाएगी।
समाज सत्ता ने इन बातों के साथ भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के ऊपर कड़ा प्रहार किया है। समाज सत्ता की संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीता पाठक ने यमुना के प्रदूषण को लेकर चल रही सियासत को बड़ी नौटंकी करार दिया है।
Yamuna Pollution Issue
केजरीवाल का हर वादा केवल जुमलेबाजी
समाज सत्ता की संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीता पाठक ने कहा कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुंह से निकला हर वादा केवल एक जुमलेबाजी है। उन्होंने एक जमाने में मइया यमुना को स्वच्छ करने के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे। लेकिन वह सब केवल एक चुनावी जुमलेबाजी थी।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने केवल दिल्ली की जनता को गुमराह किया है। केजरीवाल तो खुद ही यमुना को साफ करवाकर उसमें डुबकी लगाने वाले थे। लेकिन डुबकी लगाना तो दूर, वे तो यमुना के नाम से ही दूर भागने लगते हैं। आखिर केजरीवाल कब तक दिल्ली की जनता को ठगते रहेंगे।
Yamuna Pollution In Delhi
हनुमान जी का दर्शन करने से पहले भी नहीं लगाई यमुना में डुबकी
सुनीता पाठक ने कहा कि जल्द ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। तिहाड़ जेल से बाहर निकालने के बाद से अरविंद केजरीवाल को केवल चुनाव जीतने और मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठने की चिंता सता रही है। वे किसी भी तरह से मुख्यमंत्री बनने और जनता को फिर से ठगने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सत्ता पाने का लालच केजरीवाल के ऊपर इतना हावी हो गया है कि वे अपनी पत्नी के साथ हनुमान जी का दर्शन करने के पहले मइया यमुना में डुबकी लगाने भी नहीं गए। उन्हें कम से कम हनुमान जी का दर्शन करने से पहले यमुना जी में डुबकी लगाकर अपने पाप तो धो लेने चाहिए थे।
Yamuna Pollution Politics
भाजपा नेता की हालत देखकर डर गए केजरीवाल
समाज सत्ता का पक्ष रखते हुए सुनीता पाठक ने कहा कि पिछले दिनों भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यमुना में डुबकी लगाने का ड्रामा किया था। डुबकी लगाने के बाद उन्होंने पूरे शरीर में खुजली और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि लगता है केजरीवाल भाजपा नेता की हालात देखकर बुरी तरह से डर गए हैं। यही कारण है कि अपनी पत्नी के साथ हनुमान जी का दर्शन करने से पहले उन्होंने यमुना में डुबकी लगाना तो दूर, उस तरफ जाने की हिम्मत तक नहीं की।
Yamuna Pollution And Environment
राजनीतिक रोटी सेंकने के बजाय जनता पर दें ध्यान
सुनीता पाठक ने भाजपा और ‘आप’ के नेताओं को नसीहत दी है कि वे दिल्ली की समस्याओं को लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकने के बजाय समस्याओं के समाधान पर ध्यान दें। दिल्ली की जनता ऐसी घृणित राजनीति से बहुत त्रस्त हो चुकी है और अब उसे समाधान चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ ही दिल्ली सरकार भी ‘राज सत्ता’ के मद में निरंकुश होकर शासन कर रही है। नेताओं और मंत्रियों को जनता की समस्याएं नजर नहीं आ रही हैं। अब ऐसी निरंकुश राज सत्ता के ऊपर समाज सत्ता का अंकुश लगाने का समय आ चुका है।
Yamuna Pollution And AAP
समाज सत्ता ही करेगी पर्यावरण और यमुना को साफ
समाज सत्ता की प्रकृति केंद्रित अवधारणा पर जोर डालते हुए सुनीता पाठक ने कहा कि हमारा लक्ष्य जनता को एक स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण प्रदान करना है। इस कार्य में समाज का सहयोग अति आवश्यक है। उन्होंने जनता से समाज सत्ता का खुलकर साथ देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि समाज सत्ता के पास दिल्ली के पर्यावरण के साथ ही यमुना को भी पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने का पूरा ब्लूप्रिंट तैयार है। इतना ही नहीं, निरंकुश राज सत्ता पर समाज सत्ता का अंकुश लगाने की रूपरेखा भी तैयार की जा चुकी है।
उन्होंने जनता से अगले चुनाव में समाज सत्ता को भारी बहुमत से जिताने की अपील करते हुए कहा कि अब दिल्ली के पर्यावरण और यमुना को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने का समय आ चुका है। अब समाज को खुद आगे आकर समाज सत्ता का शासन स्थापित करना होगा।
Yamuna Pollution And BJP
पूरा वीडियो देखें:
भारत को वास्तव में ‘भारत’ बनाना है लक्ष्य
समाज सत्ता के बारे में बताते हुए सुनीता पाठक ने कहा कि यह देश का एकमात्र ऐसा संगठन है, जिसका उद्देश्य शासन (सरकार) में समाज की वास्तविक भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है समाज के लिए, समाज के द्वारा, समाज का शासन।
उन्होंने कहा कि देश को भय, भूख और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए सबसे पहले भारत को वास्तव में ‘भारत’ बनाना होगा। एक ऐसा भारत, जो ‘जल, जंगल, जमीन, जीव और जगदीश’ की अवधारणा के अनुरूप हो। एक ऐसा भारत, जो आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, शक्तिशाली और स्वावलंबी बने। समाज सत्ता एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
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