राजनेताओं की नजर में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं, पर बलात्कारियों की रक्षा के लिए हाय-तौबा!
Delhi News : समाज को जागरूक करके भारत की राजनीति को नई दिशा में लगी समाज सत्ता (Samaaj Sattaa) ने मौजूदा राजनीति में निरंतर आ रही गिरावट को लेकर देश के विभिन्न राजनीतिक दलों को कटघरे में खड़ा किया है। असम के नौगांव में एक बलात्कार के आरोपी की मौत के बाद मचे राजनीतिक बवाल पर समाज सत्ता ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
समाज सत्ता के संस्थापक राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विवेक पाठक ने कहा कि बलात्कार के एक आरोपी की तालाब में डूबकर मौत होने पर विभिन्न राजनीतिक दलों को बहुत दुःख हो रहा है, लेकिन बलात्कार का दर्द झेलने वाली पीड़िता के लिए आवाज उठाने के समय वे कहां गायब हो जाते हैं।
Samaaj Sattaa Attacks Political Parties
एक बलात्कारी का ही मानवाधिकार क्यों दिखता है?
डॉ. विवेक पाठक ने कहा कि जिस देश में नारी को पूजा जाता है, सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, शक्ति का स्वरूप माना जाता है, जगत जननी कहा जाता है, उसके साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने वाले को उसका दंड अवश्य मिलना चाहिए। इस मामले में देश के कानून और न्यायपालिका को त्वरित संज्ञान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक दलों का एक ही एजेंडा दिखने लगा है कि किसी भी अपराधी और बलात्कारी को बचाया जाए, उसके मानवाधिकार की रक्षा की जाए। लेकिन जिस पीड़िता ने बलात्कार का दंश झेला, उसका मानवाधिकार इन राजनेताओं को आखिर क्यों नहीं दिखाई देता।
Samaaj Sattaa Asks Question
अपराधी की मौत पर मचाने लगते हैं हाय-तौबा
समाज सत्ता के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विवेक पाठक ने ऐसे मुद्दे पर राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन लोगों में किसी भी अपराधी को बचाने और उसकी मौत पर हाय-तौबा मचाने की होड़ सी लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि यदि देश के सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर अपराध और भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए काम करें, तो भारत को अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के साथ ही धरती का स्वर्ग बनाया जा सकता है। लेकिन सभी को अपनी-अपनी राजनीति चमकानी है, इसलिए सभी पीड़ितों को न्याय दिलाने के बजाय अपराधियों को बचाने में जुटे हुए हैं।
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Samaaj Sattaa Objectives
भारत को वास्तव में ‘भारत’ बनाना है लक्ष्य
समाज सत्ता के बारे में बताते हुए डॉ. विवेक पाठक ने कहा कि यह देश का एकमात्र ऐसा संगठन है, जिसका उद्देश्य शासन (सरकार) में समाज की वास्तविक भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है समाज के लिए, समाज के द्वारा, समाज का शासन।
उन्होंने कहा कि देश को भय, भूख और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए सबसे पहले भारत को वास्तव में ‘भारत’ बनाना होगा। एक ऐसा भारत, जो ‘जल, जंगल, जमीन, जीव और जगदीश’ की अवधारणा के अनुरूप हो। एक ऐसा भारत, जो आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, शक्तिशाली और स्वावलंबी बने। समाज सत्ता एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
-समाज सत्ता की ओर से
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